SHIV CHALISA LYRICSL FOR DUMMIES

shiv chalisa lyricsl for Dummies

shiv chalisa lyricsl for Dummies

Blog Article

जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

शिव भजन

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

O Glorious Lord, consort of Parvati You happen to be most merciful . You usually bless the lousy and pious devotees. Your attractive form is adorned Along with the moon on Your forehead and with your ears are earrings of snakes' hood.

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। Shiv chaisa आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

Report this page